वर्षो के त्याग एवम परिश्रम के बाद एक व्यक्ति आईएएस बनता है। कानून की पालना कराने से लेकर सरकार द्वारा बनाई गई नीतियों के क्रियान्वन की जिम्मेदारी भी आईएएस अधिकारी ही निभाते है और यही कारण है कि भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों का बहुत सम्मान एवम रुतबा होता है।
आईएएस बनने के लिए बहुत पढ़ाई करनी पड़ती है परन्तु यदि इतनी पढ़ाई करने के बाद भी आप मे सामान्य शिष्टाचार व जनता से संवाद करने के गुण नही आते है तो आपकी वह वर्षो की तपस्या व्यर्थ ही मानी जानी चाहिए।एक सवाल हमारे सिस्टम पर भी खड़ा होता है कि आखिर हमारी अधिकारियों के चयन की पद्धति क्यों ठीक नही है।
हमारी अधिकारयों के चयन की व्यवस्था में शायद अब नैतिकता को भी शामिल किया जाना चाहिए। ताजा विवाद खड़ा हुआ है छत्तीशगढ़ के सूरजगढ़ जिले से जहाँ के कलेक्टर साहब अपने पद के रौब में शायद भूल गए कि वे जनता के मालिक नही सेवक है।
कलेक्टर ने युवक को जड़ा थप्पड़
छत्तीशगढ़ के सूरजपुर जिले में लागू लॉकडाउन के दौरान कलेक्टर साहब ने एक युवक को थप्पड़ भी मारा पुलिस से भी पिटवाया।घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद घटना के लिए माफी भी मांग रहे है।सूरजपुर जिले के पुलिस अधिकारियों ने युवक का नाम अमन मित्तल बताया है जिसके खिलाफ लॉकडाउन के कथित उल्लंघन का मामला भी दर्ज किया गया है।
क्यो उठ रहा है विवाद
दरअसल सोशल मीडिया में वायरल हो रहे वीडियो में दिख रहा शख्स अमन मित्तल है।अमन की माँ की तबियत खराब होने के कारण वह अस्पताल में भर्ती है।अमन उन्ही के लिए मेडिकल स्टोर से दवाइया लेने के लिए निकला था।वीडियो में दिख रहा है कि अमन ने N 95 मास्क भी लगाया हुआ है।जब उसे रोका गया तो उसने कलेक्टर को एक कागज व मोबाइल पर कुछ दिखाने की कोशिश भी की।परन्तु पद के रौब में डूबे कलेक्टर रणवीर शर्मा ने उसका फोन लिया और जमीन पर फेंक दिया।वीडियो में दिख रहा है कि उसके बाद उसने युवक को थप्पड़ भी मारा।इसके बाद पुलिसकर्मियों से भी युवक को डंडों से पिटवाया जिसका आदेश देते हुए कलेक्टर साहब को वीडियो में देखा जा सकता है।
वीडियो के वायरल होने के बाद कलेक्टर ने घटना के लिए माफी मांग ली है तथा कहा है कि लोग नियमों का पालन करें। रणबीर शर्मा ने अपने बयान में कहा, आज सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है जिसमें मुझे एक आदमी को थप्पड़ मारते हुए दिखाया गया है जो लॉकडाउन के दौरान बाहर था। आज के व्यवहार के लिए मैं दिल से माफी मांगता हूं। उस व्यक्ति का अनादर करने का मेरा कोई इरादा नहीं था।
रिश्वत के मामले में भी हुआ था गिरफ्तार
इससे पहले रिश्वत मांगने के मामले में 5 अगस्त 2015 को एसीबी द्वारा गिरफ्तार भी किया गया था।दरअसल 2015 में रणवीर शर्मा भानुप्रतापपुर(छत्तीशगढ़) में एसडीएम के पद पर नियुक्त था।एक पटवारी से स्थानंतरण व वर्ख़ास्तगी रुकबाने की एवज में 10000 रुपये लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार हुआ था।
पकड़े जाने पर लोगो ने आतिशबाजी की थी 2012 बैच के आईएएस अफसर रणवीर शर्मा को 2015 में घूस लेते गिरफ्तार किया गया तो लोगो मे खुशी की लहर दौड़ गई थी।लोग उसके भ्रष्ट आचरण से त्रस्त हो चुके थे।
उसके गिरफ्तार होने की खुशी में लोगो ने आतिशबाजी की थी व मिठाई बांटी थी।
सीएम भूपेश बघेल ने हटाया
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सूरजपुर कलेक्टर रणबीर शर्मा को तत्काल प्रभाव से हटाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि किसी भी अधिकारी का शासकीय जीवन में इस तरह का आचरण स्वीकार्य नहीं है। इस घटना से क्षुब्ध हूं मैं नवयुवक व उनके परिजनों से खेद व्यक्त करता हूं।
रणवीर शर्मा को मंत्रालय में संयुक्त सचिव के पद पर भेजा दिया गया है
सोशल मीडिया के माध्यम से सूरजपुर कलेक्टर रणबीर शर्मा द्वारा एक नवयुवक से दुर्व्यवहार का मामला मेरे संज्ञान में आया है।
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) May 23, 2021
यह बेहद दुखद और निंदनीय है। छत्तीसगढ़ में इस तरह का कोई कृत्य कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
कलेक्टर रणबीर शर्मा को तत्काल प्रभाव से हटाने के निर्देश दिए हैं।
इससे पहले त्रिपुरा के डीएम का मामला भी विवादों में रहा था जहाँ एक शादी समारोह में डीएम साहब ने न सिर्फ पंडित जी को थप्पड़ मारा था अपितु वर वधु के साथ अभद्रता करते हुए विवाह को ही रुकवा दिया था जबकि उसकी अनुमति उन्होंने स्वम् दी थी।
यहां सवाल अब इन प्रशासनिक अधिकारियों की ट्रेनिंग पर भी खड़ा हो रहा है कि क्या अब इनके पाठ्यक्रम में नैतिकता को भी शामिल किया जाना चाहिए? जनता के सेवक को जनता के सम्मान से खिलवाड़ का अधिकार क्या सिर्फ एक पद पर बैठ जाने मात्र से प्राप्त हो जाता है।