राजस्थान में पीएम केअर फ़ंड में मिले वेंटिलेटर दे दिए निजी अस्पताल को

राजस्थान में पीएम केअर फ़ंड में मिले वेंटिलेटर दे दिए निजी अस्पताल को

एक और सरकारी अस्पतालों में वेंटिलेटर से लेकर ऑक्सिजन सिलेंडर तक की मारामारी मची हुई है वही राजस्थान के भरतपुर में पीएम केअर फंड से मिले वेंटिलेटर को गुपचुप तरीके से निजी अस्पताल को दे दिया गया। संभाग के सबसे बड़े हॉस्पिटल आरबीएम में कोरोना से जूझ रही जिंदगियों को बचाने में व्यवस्थाएं जूझ रही है,यहां तक की राजधानी जयपुर में भी लोगो को बेड के लिए तरसना पड़ रहा है वही भरतपुर में पीएम केअर फंड में मिले 10 वेंटिलेटर को एक निजी अस्पताल को सौप दिया गया जिसके निजी अस्पताल 30 से 40 हजार रुपये प्रतिदिन वसूल रहा है।


जिला प्रशासन एवम सरकार के नुमाइंदों की शह पर किये गए इस कारनामे का जब भांडाफोड़ हुआ तो आनन फानन में राज्य प्रशासन द्वारा आदेश जारी करवाया गया कि जिला कलेक्टर यदि ऑक्सिजन कन्संट्रेटर व वेंटिलेटर अधिक हो तो निजी अस्पतालों को दे सकते है।

इस बात की शिकायत सांसद रंजीता कोली ने स्वास्थ मंत्री हर्षवर्धन से भी की है।

खुलासा हुआ तो पता चला कि ये वेंटिलेटर 27 अप्रैल को ही निजी अस्पताल को दे दिए गए थे वही एक अधिकारी ने नाम नही छापने की शर्त पर बताया कि यह सब इसलिए हुआ क्योंकि वहां कुछ अधिकारियों के रिश्तेदार भर्ती हुए थे।भरतपुर में स्थित जिंदल सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल को पांच वेंटिलेटर पहले पहुचाये गए और पांच वेन्टीलेटर शनिवार को ओर पहुचाये गए।

 

पीएम रिलीफ फंड से मिले 10 वेंटिलेटर आरबीएम ने दरियादिली दिखाते हुए निजी अस्पताल को दे दिए जो कि सरकार द्वारा आमजन के इलाज के लिए मुहैया कराए गए थे परंतु निजी अस्पताल द्वारा एक वेंटिलेटर का एक दिन का चार्ज 30 से 40 हजार तक वसूला जा रहा है।


यह सब जिला प्रशासन की शह पर हो रहा है परंतु देखने वाला या टोकने वाला कोई नही है उल्टे अब सरकार द्वारा इस मामले को उलझता देख आदेश जारी किया गया है कि जिला प्रशासन स्वविवेक से निजी अस्पतालों को ये सुविधाये मुहैया करा सकता है।

अब किराया वसूलेगा प्रशासन

जिन्दल हॉस्पिटल द्वारा पूर्व में पीएमओ को पत्र लिखकर वेंटिलेटर की मांग की गई थी जिस पर चिकित्सको द्वारा सुझाव दिया गया था कि इन वेंटिलेटर की एवज में निजी अस्पताल सरकारी अस्पताल से जाने वाले एक तिहाई मरीजों का इलाज मुफ्त करे परन्तु उस पर कोई अमल नही हुआ।अब आरबीएम अस्पताल द्वारा जिंदल हॉस्पिटल से दो हजार रुपये प्रतिदिन का एक वेन्टीलेटर का किराया वसूल किया जाएगा। वैश्विक महामारी के दौर में यदि सरकार किसी निजी अस्पताल का अधिग्रहण करती है तो सरकारी स्तर पर उसे स्टाफ एवम संसाधन उपलब्ध कराया जा सकता है,लेकिन बिना अधिग्रहण किये ऐसा किया जाता है तो ये गलत है।

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