दक्षिण अफ्रीका में धोखाधडी कर पैसे ऐंठने के जुर्म मे महात्मा गांधी की परपोती को किया गिरफ्तार

दक्षिण अफ्रीका में धोखाधडी कर पैसे ऐंठने के जुर्म मे महात्मा गांधी की परपोती को किया गिरफ्तार
महात्मा गांधी की परपोती आशीष लता रामगोबिन को दक्षिण अफ्रीका के डरबन की अदालत ने 62 लाख रुपये हड़पने व जालसाजी करने के मामले में 7 साल की सजा सुनाई है।

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की परपोती आशीष लता रामगोबिन पर दक्षिण अफ्रीका के डरबन में एक व्यवसायी से 62 लाख रुपये हड़पने का आरोप लगा है।

महात्मा गांधी की परपोती आशीष लता रामगोबिन को दक्षिण अफ्रीका के डरबन की अदालत ने 62 लाख रुपये हड़पने व जालसाजी करने के मामले में 7 साल की सजा सुनाई है।सोमवार को हुई सुनवाई में अदालत ने उन्हें दोषी मानते हुए 7 वर्ष की सजा सुनाई।इसके अलावा डरबन की स्पेशलाइज्ड कमर्शियल क्राइम कोर्ट ने लता को कनविक्शन और सजा दोनो के खिलाफ अपील करने की अनुमति देने से भी इंकार कर दिया है।

जानिए क्या है पूरा मामला

लता रामगोबिन पर दक्षिण अफ्रीका के ही एक व्यवसायी एस आर महाराज ने धोखा देने का आरोप लगाया था।
दअरसल एस आर महाराज ने भारत भारत से आने वाले एक नॉन एग्जिस्टिंग कन्साइनमेंट के लिए आयात और सीमा शुल्क के लिए लता रामकोबिन को 62 लाख रुपये दिए थे।
एस आर महाराज की न्यू अफ्रीका अलायंस फुटवियर डिस्ट्रीब्यूटर्स नाम से कम्पनी है जो कपड़े,लिनन और जूते का इम्पोर्ट,मैन्युफैक्चरिंग तथा बिक्री का कार्य करती है।इसके अलावा यह कम्पनी अन्य कंपनियों को प्रॉफिट व शेयर के हिसाब से फाइनेंस भी करती है।
वर्ष 2015 में लता रामगोबिन एस आर महाराज से मिली थी तथा दावा किया था कि उन्होंने दक्षिण अफ्रीकी अस्पताल ग्रुप नेटकेयर के लिए लिनन के तीन कंटेनर आयात किये है।
लता ने कहा था कि उसके पास आयात व सीमा शुल्क के लिए पैसे नही है।इसके लिए उसने 62 लाख रुपये की जरूरत बताई।महाराज को विश्वास में लेने के लिए उसने जाली दस्तावेज भी दिखाए जिसमे परचेज ऑर्डर तथा नेटकेयर की इनवॉइस तथा डिलीवरी नोट थे।
लता के पारिवारिक रसूख तथा नेटकेयर के दस्तावेजों के आधार पर एस आर महाराज की कम्पनी ने लिखित अग्रीमेंट किया था।
जब महाराज को पता चला कि प्रस्तुत किये गए दस्तावेज जाली है तो उन्होंने अदालत का रुख किया था।
वर्ष 2015 में लता रामगोबिन के खिलाफ इस मामले की सुनवाई शुरू हुई थी।उस समय लता रामगोबिन को 50000 रैंड के मुचलके पर जमानत मिल गई थी।

जानिए लता रामगोबिन के बारे में

लता रामगोबिन प्रसिद्ध मानवाधिकार कार्यकर्ता इला गांधी तथा स्व मेवा रामगोबिंद की बेटी है।इसके अलावा वे एनजीओ इंटरनेशनल सेंटर फॉर अहिंसा में सहभागी विकास पहल की संस्थापक और कार्यकारी निदेशक भी थी जहां उन्होंने खुद को पर्यावरण,सामाजिक व राजनैतिक हितों पर ध्यान देने वाली कार्यकर्ता बताया था।

लता रामगोबिन की माँ ईला गांधी
लता रामगोबिन की माँ ईला गांधी


महात्मा गांधी के अन्य वंशज भी ह्यूमन राइट एक्टिविस्ट है जिनमे लता रामगोबिन के चचेरे भाई कीर्ति मेनन,उमा धुपेलिया मिस्त्री है।
लता रामगोबिन की माँ इला गांधी को भारत व दक्षिण अफ्रीका दोनो देशों के राष्ट्रीय सम्मान मिल चुके है।

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