कमलेश तिवारी हत्याकांड को दोहराने की साजिश
स्वामी यति नरसिंहानंद को मारने के लिए साधु के भेष में आया इस्लामिक आतंकी
गाजियाबाद स्थित डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद जी को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। लखनऊ में कमलेश तिवारी हत्याकांड की तरह ही यति नरसिंहानंद जी की हत्या की साजिश को अंजाम देने से पहले ही दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने खुफिया एजेंसियों के साथ मिलकर किये एक ऑपरेशन के दौरान जम्मू कश्मीर के पुलवामा के रहने वाले एक आतंकी को दिल्ली के पहाड़गंज से एक होटल से गिरफ्तार किया है।
खुफिया एजेंसी के मुताबिक कश्मीर का रहने वाला आरोपी जॉन मोहम्मद डार उर्फ जहांगीर साधु के भेष में स्वामी यति नरसिंहानंद जी को मारने वाला था।गिरफ्तार आतंकी को इस्लामिक आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के आतंकी ने टारगेट किलिंग का आदेश दिया था।गिरफ्तार आरोपी के पास से पिस्टल,2 मैगजीन,15 कारतूस,भगवा रंग का कुर्ता,कलावा,पूजा में इस्तेमाल होने वाला टीका एवम अन्य हिन्दू धार्मिक प्रतीक चीजे बरामद की गई है।
जम्मू कश्मीर से यति नरसिंहानंद जी की हत्या के लिए दिल्ली आए इस आरोपी को पहले भी 2016 में स्टोन पेल्टिंग के मामले में अनन्तनाग से गिरफ्तार भी किया जा चुका है।आतंकी बुरहान बानी के एनकाउंटर के बाद सेना के जवानों पर की गई स्टोन पेल्टिंग के मामले में इसे गिरफ्तार किया गया था।
आरोपी ने पूछताछ में बताया है कि जम्मू कश्मीर में इस्लामिक आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के आतंकी आबिद से उसकी मुलाकात हुई थी एवं उसी ने ही यति नरसिंहानंद जी को मारने का टास्क दिया था एवम दिल्ली भेजा था।दिल्ली में उसकी मदद किसी उमर नामक व्यक्ति ने की एवम उमर ने ही हथियार मुहैया कराया।
आबिद ने कश्मीर से दिल्ली भेजते समय उसे काम हो जाने पर अच्छे पैसे दिलाने का वादा भी किया था व दिल्ली आते समय उसके अकॉउंट में 35 हजार रुपये भी डलवाये। दिल्ली में मौजूद उमर ने ही डार मोहम्मद के रहने व यति नरसिंहानंद जी की रेकी करने का इंतजाम किया था।
घटना को अंजाम देने से पहले ही खुफिया एजेंसियों को इस बात की भनक लग गई और उसके बाद आरोपी को पहाड़गंज के एक होटल से गिरफ्तार कर लिया गया।
क्यो मारना चाहता था आरोपी यति नरसिंहानंद जी को
दरअसल अभी कुछ दिन पहले यति नरसिंहानंद जी का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमे प्रोफेट मोहम्मद को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी का आरोप लगाया गया था एवम मुस्लिम समुदाय द्वारा विरोध प्रदर्शन भी किये गए थे।
डासना मंदिर में एक नाबालिग की पिटाई का मुद्दा भी चर्चा में रहा था।
इससे पहले लखनऊ में हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी की हत्या भी इसी तरह कर दी गई थी जब उनके कार्यालय पर 18 अक्टूबर 2019 को मुस्लिम समुदाय के दो व्यक्तियो यूसुफ खान व हाशिम अली ने गला रेत कर उनकी हत्या कर दी थी।