41 वर्षो तक राष्ट्र की सेवा करने के बाद शुक्रवार (21 मई 2021) को आईएएनएस राजपूत रिटायर हो जाएगा।अपने 41 साल के गौरवशाली सफर में आईएनएस राजपूत ने न सिर्फ भारतीय नौसेना के मस्तक को ऊंचा रखा अपितु रक्षा क्षेत्र में भारत की धाक दुनिया भर में बढ़ाये रखी।विशाखापत्तनम के नेवल डॉकयार्ड में कोरोना के कारण एक सादा समारोह में आईएनएस को विदाई दी जाएगी।
किसी भी युद्ध मे विजय प्राप्त करने के लिए आपके मजबूत इरादों के साथ ही ऐसे हथियारों की भी आवश्यकता होती है जो दुश्मन को नेस्तनाबूद कर सके।भारतीय सेना दुनिया की सबसे ताकतवर सेनाओं में गिनी जाती है और हमारी नौसेना की ताकत में आईएनएस राजपूत का विशेष योगदान रहा है।आज से 41 साल पहले 1980 में आईएनएस राजपूत को भारतीय नौसेना (Indian Navy) का हिस्सा बनाया गया था और 41 साल के सफर में अपने आदर्श नारे “राज करेगा राजपूत” के नारे को मुकम्मल उतारा।यह भारतीय नौसेना का पहला पोत है जिसे थल सेना की किसी रेजिमेंट राजपूत रेजिमेंट से सम्बद्ध किया गया था।
INS Rajput का इतिहास
आईएनएस राजपूत का निर्माण यूक्रेन में किया गया था और उसे रूसी नाम नादेजनी दिया गया था जिसका अर्थ होता है उम्मीद।आईएनएस राजपूत को बनाने का काम सितंबर 1976 में शुरू किया गया और 1977 में इसे लांच किया गया।
1980 में नादेजनी को आईएनएस राजपूत के तौर पर जॉर्जिया में कैप्टन मोहनलाल हीरानंदानी और तत्कालीन सोवियत संघ में भारत के राजदूत रहे आई के गुजराल ने कमीशन किया।
कैप्टन रहे मोहनलाल हीरानंदानी पहले कमांडिंग ऑफिसर बने।
देश की सुरक्षा के लिए आईएनएस राजपूत को जिम्मेदारी दी गई,उसे बखूबी निभाया।श्रीलंका में इंडियन पीस कीपिंग फोर्स के तौर पर ऑपरेशन अमन का हिस्सा बना।श्रीलंका के तटों पर गश्ती के लिए ऑपरेशन पवन,मालदीव से बंधकों को आजाद कराने में ऑपरेशन कैक्टस और लक्षदीप में ऑपरेशन क्रॉसनेस्ट में शामिल रहा।
आईएनएस राजपूत की विशेषताये
लंबाई- 146.5 मीटर
चौड़ाई- 15.8 मीटर
4974 टन फूल लोड वजन
320 लोगो की क्षमता
35 नोटिकल मील (65किमी प्रतिघंटा) की रफ्तार
इस तरह से होती है डीकमीशनिंग
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक नौसेना के ध्वज और अंतिम कमीशनिंग पेनेंट को आईएनएस से उतार लिया जाएगा औए उसे डीकमीशनिंग का प्रतीक कहा जाता है।41 वर्ष के सेवाकाल में 31 कामांडिंग अफसरों ने अपनी जिम्मेदारी आईएनएस राजपूत के साथ निभाई।14 अगस्त 2019 को अंतिम कामांडिंग अफसर को जिम्मेदारी दी गई थी।