विरोध कर रही कांग्रेस ने ही किया आनंदपाल का एनकाउंटर करने वाली टीम को सम्मानित

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आनंदपाल एनकाउंटर में शामिल रहे 10 पुलिस कर्मियों को विशेष पदोन्नति एवम 90 पुलिस कंर्मियो को नकद इनाम की घोषणा की गई है। इस संबंध में डीजीपी एम एल लाठर की ओर से आदेश जारी किए गए है।सम्मानित होने वाले पुलिसकर्मियों को एक लाख से लेकर 51 सौ रुपये नकद एवम प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाएगा एवम आनंदपाल को गोली मारने वाले कमांडो सोहन सिंह,सब इंस्पेक्टर हेमराज,ए एस आई हरिराम,हेड कॉन्स्टेबल कैलाश,कॉन्स्टेबल दुर्गादत्त,संदीप,हनुमान लाल,हेड कॉन्स्टेबल धर्मवीर, धर्मपाल व प्रदीप को विशेष पदोन्नति दी जाएगी। 

ये अब तक के मुठभेड़ में दी जाने वाली सबसे बड़ी इनामी राशि है। याद रहे विपक्ष में रहते हुए उस समय कांग्रेस ने प्रताप सिंह खाचरियावास को आगे करते हुए इस एनकाउंटर को फर्जी बताया था | व इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए सीबीआई जांच की मांग की थी। गौरतलब रहे आनंदपाल केस एक समय सरकार की गले की फांस बन गया था |  जब कुख्यात गैंगस्टर आनंदपाल को 24 जून 2017 की रात में एक अभियान चला कर राजस्थान पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया था। आंनदपाल के मरने के बाद राजस्थान का राजपूत समाज एवम करनी सेना विद्रोह पर उतर आए थे और उसका शव लेकर विरोध प्रदर्शन पर उतर गए थे।

परिवार का आरोप था कि आनंदपाल ने सरेंडर कर दिया था परन्तु पुलिस ने षड्यंत्र के तहत उसे मार गिराया। आनंदपाल का शव तीन हफ़्तों तक डीप फ्रीजर में रखा रहा था।सरकार के नुमाइंदे परिजनों एवम समाज के लोगो को मनाने की कोशिश में लगे रहे थे परन्तु न तो परिजन और न ही समाज के लोग राजी हो रहे थे। 12 जुलाई को लगभग 2 लाख लोग आनंदपाल के समर्थन में विरोध प्रदर्शन के लिए जमा हुए तो सरकार के हाथ पैर फूल गए और सरकार ने आनंदपाल का अंतिम संस्कार करने के लिए जी जान लगा दी।

अगले ही दिन सरकार ने परिवार को अंतिम संस्कार की इजाजत के लिए वार्ता के लिए बुलाया और पीछे से पुलिस ने आनन फानन में संध्या के समय उसका अंतिम संस्कार करवा दिया। परिवार ने जबरदस्ती अंतिम संस्कार का आरोप भी लगाया और मामला काफी दिनों तक चर्चा में बना रहा और फिर धीरे धीरे शांत हो गया। माना जा रहा था कि राजपूतों के गुस्से का शिकार वसुंधरा सरकार को भुगतना पड़ेगा और शायद ऐसा हुआ भी क्योंकि उसके बाद हुए चुनाव में सरकार को हार का सामना करना पड़ा था।


कौन था आनंदपाल?


आनंदपाल राजस्थान के नागौर जिले की लाडनू तहसील के एक गांव सांवराद का रावणा राजपूत जाती का था। अध्यापक बनने के लिए उसने बी एड भी किया था परन्तु गाँव मे दबंगो द्वारा जब उसे घोड़ी पर चढ़ने से रोका गया तो वही से उसके मन मे एक बदला लेने की भावना ने घर कर लिया और शिक्षक बनने के लिए तैयारी कर रहा एक लड़का जुर्म की दुनिया का बादशाह बन गया। आनंदपाल ने राजनीति में आने की कोशिश भी की थी और पूर्व मंत्री हरजीराम बुरड़क के बेटे से 2 वोट से पंचायत चुनाव हार गया। यही से उसने 2006 में अपराध की दुनिया मे पहला कदम रखा और शराब की तस्करी शुरू कर दी,वह एक बड़ा लिकर किंग बनना चाहता था और इसी सनक में उसने अपने ही दोस्त जीवनराम गोदारा की हत्या कर दी।


इसके बाद तो वह एक के बाद एक अपराध करता ही चला गया और शराब की तस्करी से शुरू हुआ धंधा हत्या, अपहरण,फिरौती जैसे कारनामो को अंजाम देना शुरू कर दिया। आनंदपाल पर लूट,डकैती,हत्या जैसे 24 संगीन मामले दर्ज थे। 8 मामलों में कोर्ट ने आनंद पाल को भगौड़ा घोषित किया हुआ था । आनंदपाल ने सीकर की लेडी डॉन अनुराधा चौधरी के साथ भी काम किया था। 3 सितंबर 2015 को डीडवाना कोर्ट से पेशी से लौटते समय आंनदपाल अपने 2 साथियों के साथ फरार हो गया था। राजस्थान के कई मंत्री, विधायक और अफसरों समेत 21 लोगो ने आनंदपाल से अपनी जान को खतरा बताया था।


आनंदपाल बहुत ही खूंखार था और कहा जाता है कि लोगो का अपहरण कर के वह उन्हें एक पिंजरे में कैद कर देता था और तरह तरह की यातनाएं देता था। उसके मरने के बाद राजस्थान में आनंदपाल की दाढ़ी का लुक बहुत फेमस हुआ था और कई लोगो ने आनंदपाल जैसी दाढ़ी रखना शुरू कर दिया था। आनंदपाल बहुत ही फेशनेबल था और सर पर हेट, आंखों पर चश्मा,चमकदार कोट पहनता था और फर्राटेदार अंग्रेजी बोलता था एवम सोशल मीडिया पर उसकी बहुत बड़ी फैन फॉलोइंग थी एवम अपने समाज एवम क्षेत्र में उसकी रॉबिनहुड की छबि थी।

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