राजस्थान:100 से ज्यादा घुमंतू दलित परिवारो का आशियाना उजाड़ा

राजस्थान:100 से ज्यादा घुमंतू दलित परिवारो का आशियाना उजाड़ा

राजस्थान में सरकार एवम प्रशासन का क्रूर चेहरा सामने आया है।रविवार 23 मई 2021 को प्रशासन का डंडा उन बेघर व बेसहारा लोगो पर कोहराम बन के टूट पड़ा जो कचरा बीन के अपना पेट पालते है।इन गरीबो के आशियानों को उजाड़ दिया गया।बुजुर्ग महिलाओं व पुरुषों से मारपीट की गई।गर्भवती महिलाओं तक को नही बक्शा गया।ये सब हुआ प्रशासन की उस कार्यवाही के नाम पर जो अतिक्रमण को हटाने के लिए की गई थी।निगम की इस कारवाई पर सवाल उठ रहे है कि आखिर वर्षो से यही रहने वाले इन परिवारों को हटाने के लिए निगम ने यही समय क्यों चुना?

कर्फ्यू में कहा भटकेंगे परिवार

कोरोना महामारी के चलते हुए राजस्थान में 8 जून तक लॉकडाउन व कर्फ्यू लगा हुआ है।आज आम इंसान को जीविका को शंकट बना हुआ है।ऐसे में सरकार की संवेदनहींता पर सवाल तो उठेगा ही कि कर्फ्यू के दौरान अब ये लोग कहा जाये?
घुमंतु जाति के है ये परिवार 

विद्याधर नगर परशुराम सर्कल पर वर्षो से निवास कर रहे ये लोग घुमन्तु, अर्ध घुमंतू व सांसी जाति के है।ये लोग यहां परशुराम सर्कल पर कचरा डिपो पर कचरा बीनने का काम करते थे।मूलतः ये सभी परिवार हनुमानगढ़ व चुरू जिलों से यहां आकर रहने लगे थे।

यू तो सरकारें इन लोगो के पुर्नवास व स्थायीकरण के लिए अभियान चलाती है।ऐसी जातियों के उत्थान के लिए लाखों करोड़ों रुपये का बजट पास होता है जिसका उपयोग कहा और कैसे होता है ये कोई नही जानता परन्तु अपनी मेहनत से रोजी रोटी कमाने वाले इन गरीब परिवारों को इस विपदा काल मे यू बेघर कर देना मानवीयता के दमन की पराकाष्ठा है।बच्चे,बूढ़े बेघर ही नही भूखे भी है।इन लोगो के पास जो थोड़ा बहुत समान था उसे भी निगम वाले ले गए।

 

मामला विवादों में आया तो हो रहा है राजनीतिकरण

मामला विवादों में आया जब स्थानीय निवासियों ने निगम की इस कार्यवाही का विरोध करना शुरू किया।मीडिया में मामले के आने के बाद व tv9 भारतवर्ष के द्वारा प्रमुखता से इस मामले को उठाये जाने के बाद अन्य लोगो ने भी इस कार्यवाही का विरोध शुरू कर दिया।

भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि कोरोना महामारी से उत्पन्न स्थिति के परिपेक्ष्य में उक्त बेघर किये गए परिवारों को स्थायी रूप से बसाने व इन परिवारों को खाने पीने की सुविधा मुहैया कराई जाने की कार्यवाही की जाए।इस विपदा काल मे इन परिवारों को तत्काल राहत पहुचाई जानी चाहिए।

जिम्मेदारी से बच रहे है मेयर व अफसर

इस मामले में विवाद के उठने के बाद मेयर सौम्या गुर्जर व कमिश्नर यज्ञमित्र सिंह ने कारवाई के लिए एक दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे है।मेयर सौम्या गुर्जर का कहना है कि कमिश्नर का रवैया तानाशाह पूर्ण है।कर्फ्यू में कहा सड़क पर भटकते फिरेंगे ये परिवार..उधर कमिश्नर का कहना है कि 7 दिन पहले ही मेयर ने अतिक्रमण हटाने के लिए कहा था।दअरसल इस जगह पर पहले निगम ने कचरा डिपो बनाया था।बाद में कचरा डालना यहां बंद होने पर आसपास फुटपाथ पर रहने वाले लोगो ने यहां झुग्गी झोपड़ियां बना ली थी। इस अतिक्रमण को हटाने के लिए ही शनिवार को निगम दस्ते ने पुलिस के साथ जीसीबी की सहायता से इस जगह को खाली करवा दिया था।

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